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Sunday, February 17, 2019

धर्म और आतंकवाद

देश में धर्म को लेकर जो खेल चल रहा है, उससे सब भली भांति वाकिफ है।
मुस्लमान है तो जरुर उसे आतंकवादी समझा जायेगा फिर वो उसकी सचाई कुछ भी हो।
ये जो आतंकवादी हमले हो रहे ये भी एक तरह से इसी तरह की घृणा का फायदा उठा के किये जा रहे हे।
कही न कही मुस्लिम युवको में रोष है की हम कुछ करे या न करे नाम हमारा ही होगा।
हमें इस चीज  को बदलना होगा , मुसलमानो का जो सम्मान और आत्मविस्वाश है वो उन्हें लौटाना होगा।
अगर हिंदुस्तान जैसे देश में इस तरह की विसंगततियाँ होंगी तो जिम्मेदार हिंदुस्तान ही होगा
हिन्दोस्तान अपनी विविधता में एकता के लिए जाना  जाता है।
सब धर्मों  के लोगो को बराबरी का अधिकार होना ही चाहिए।
यह हम एक पशु को किसी इंशानी जिंदगी से बड़ा बना देते है।
उसकी पीट पीट कर के हत्या कर देते है।
ये इंसानियत  लोगो में कब आएगी की वो एक इन्सान  की जिंदगी की कदर कर सके।
जिस दिन ये इंसानियत आ गई बोहत झगड़े फसाद, आतंकवाद ख़तम हो जायेंगे ।

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