जब भी हम किसी परिचित दोस्त या रिश्तेदार से मिलते है । तो हालचाल तो पूछते ही है ।ओर अगर मिलने मे वक्त का कुछ अंतराल ज्यादा है तो अक्सर हम यही कहते सुनते है कि 'बस कट रही है यार' । कुछ लोगो को जिदंगी मजेदार लगती तो कुछ लोगो को जिंदगी बेकार लगती । कीसी शायर ने क्या खूब कहा है
जिए जाना भी क्या रवायत है
कोई आहट नहीं बदन में कहीं
कोई साया नहीं है आँखों में
पावँ बेहिस हैं,चलते जाते हैं
इक सफ़र है जो बहता रहता है
कितने बरसों से कितनी सदियों से
जिए जाते हैं,जिए जाते हैं
आदतें भी अजीब होती हैं
पर जिए जाना क्या इतना रसहीन है ?
या दिलचस्प ये आप सोचिए दोस्तो
दरअसल ये वक्त वक्त की बात है ।
पर वक्त केसा भी हो जिदंगी हर रोज हमे कुछ नया सिखाती है ।
ये क्या कम है । नए लोग नई बाते नई चीजे।
जिदंगी को खुशनुमा बनाने के लिए आप एक काम किजिये जिदंगी को काटना बंद किजिये ओर जीना शुरू किजिये अगर कुछ एक्स्ट्रा करना चाहते है तो
मेरे साथ ये गाना 🎶 गाइये
जिदंगी गूलजार है
हमको इससे प्यार है
आना एक बार है ।
जिदंगी
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